योग दिवस का इतिहास
वर्तमान में, योग को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य और शांति के लिए व्यापक रूप से अपनाया जाता है। 11 दिसंबर 2014 को, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रत्येक वर्ष 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मान्यता दी और 21 जून 2015 को पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। पहली बार, 47 मुस्लिम देशों सहित 192 देशों में योग का आयोजन किया गया था, विश्व योग दिवस का अवसर।
इस अवसर पर, दिल्ली में 35985 लोगों ने एक साथ योग किया, जिसमें 84 देशों के प्रतिनिधि मौजूद थे और भारत ने दो विश्व रिकॉर्ड बनाए और 'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में अपना नाम दर्ज कराया था । लोगों को योग करने के लिए बनाया जाता है, तो दूसरा अधिकांश देशों के लोगों को एक साथ योग करने के लिए है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस ( थीम )
इस साल कोरोना वायरस के कारण लोगों को घर में रहकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए योग करना होगा इस साल योग दिवस की थीम है "Yoga For Health - Yoga From Home " कोरोना वायरस के चलते हुए इस साल यह थीम रखी गई है | आपको बता दे कि साल 2019 में योग डे की थीम "पर्यावरण के लिए योग " थी |
योग दिवस का महत्व
योग को प्राचीन भारतीय कला का एक प्रतीक माना जाता है | योग ,भारतीय ज्ञान की पांच हजार वर्ष पुरानी विरासत है,जिसके संस्पाथक महर्षि पतंजलि को माना जाता है | योग साधना में जीवन शैली का पूर्ण सार समाहित किया गया है | भारतीय योग को जीवन में सकारात्मकता और ऊर्जावान प्रदान करता है |
पीएम मोदी ने कहा - बच्चे, बड़े ,युवा ,परिवार के बुजुर्ग , सभी योग के माध्यम से जुड़ते है , जिस से पुरे घर में एक ऊर्जा का संचार होता है | इसलिय , इस बार का योग दिवस, भावनात्मक योग का भी दिन है , हमारे परिवार की बॉन्डिंग को बढ़ाने का दिन है |
मोदी जी ने कहा कि योग दिवस एकजुटता का दिन है | जो हमें एक साथ लाता वही तो योग है | योग को ले कर दुनिया भर में उत्साह बढ़ रहा है | कोरोना वायरस के चलते लोग योग को पहले से अधिक समझ रहे है |
शुरुआत के लिए 3 आसान योगासन
- यह सबसे आसान योगासन है जो सभी लोग कर सकते हैं।
- सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं और दोनों पैरों के बीच थोड़ी दूरी रखें।
- इसके बाद धीरे-धीरे वी जैसे आकार नीचे की ओर करें।
- जैसा कि आप ऊपर फोटो में देख सकते हैं, दोनों हाथों और पैरों के बीच थोड़ा अंतर करें।
- सांस लेते हुए, अपने पैरों की मदद से अपनी कमर को पीछे की ओर खींचें। अपने पैरों और बाहों को मोड़ें नहीं।
- ऐसा करने से आपके शरीर के पिछले हिस्से, हाथों और पैरों को एक अच्छा खिंचाव मिलेगा।
- लंबी सांस लें और इस योग मुद्रा में कुछ देर रुकें।
अधोमुखश्वानासन योग के फायदे
- मांसपेशियों में मजबूती आती है।
- साइनस की समस्या दूर होती है।
- शरीर को अच्छा खिचाव मिलता है।
- रक्त परिसंचरण में सुधार आता है।
- योग मैट पर सावधान की मुद्रा में सीधे खड़े हो जाओ।
- दोनों हाथ को जांघों के पास ले आते हैं।
- धीरे-धीरे दाएंने घुटने को मोड़ते हुए उसे बायं जाे पर रखें।
- बाएं पैर को इस दौरान मजबूती से जमीन पर जमाए रखें।
- बाएं पैर को बिल्कुल सीधा रखें और सांसों की गति को सामान्य करें।
- धीरे से सांस खींचते हुए दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं।
- दोनों हाथों को ऊपर ले जाना 'नमस्कार' की मुद्रा बनाएँ।
- दूर किसी वस्तु पर नजर गड़ाए रखें और संतुलन बनाए रखें।
- रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। शरीर मजबूत के साथ ही लचीला भी रहेगा।
- गहरी सांसें भीतर की ओर खींचते रहें।
- सांसें छोड़ते हुए शरीर को ढीला छोड़ दें।
- धीरे-धीरे हाथों को नीचे की ओर लेकर आते हैं।
- अब दायीं टांग को भी जमीन पर खोजें।
- वैसे ही खड़े हो जाओ जैसे तुम आसन से पहले खड़े थे।
- इसी प्रक्रिया को अब बाएं पैर के साथ भी दोहराएं।
वृक्षासन योग के फायदे
- वृक्षासन रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है।
- ये शरीर में स्थिरता और संतुलन बनाने में मदद करता है।
- ये न्यूरो-मस्क्युलर के बीच संबंध को मजबूत और स्वस्थ बनाता है।
- वृक्षासन पैरों की मसल्स को टोन करता है।
- ये पैरों के लिगामेंट और टेंडोंस को मजबूत बनाता है।
- घुटने मजबूत होते हैं और हिप्स के जोड़ ढीले होते हैं।
- योग मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं।
- दोनों टखनों और एड़ियों को आपस में छुआएं।
- धीरे-धीरे अपने घुटनों को बाहर की तरफ जितना हो सके फैलाएं।
- गहरी सांस खींचकर आगे की तरफ झुकें।
- पेट को दोनों जांघों के बीच ले जाएं और सांस छोड़ दें।
- कमर के पीछे के हिस्से में त्रिकास्थि/सैक्रम (sacrum) को चौड़ा करें।
- अब कूल्हे को सिकोड़ते हुए नाभि की तरफ खींचने की कोशिश करें।
- इनर थाइज या भीतर जांघों पर स्थिर हो जाएं।
- सिर को गर्दन के थोड़ा पीछे से उठाने की कोशिश करें।
- टेलबोन को पेल्विस की तरफ खींचने की कोशिश करें।
- हाथों को सामने की तरफ लाएं और उन्हें अपने सामने रख लें।
- दोनों हाथ घुटनों की सीध में ही रहेंगे।
- दोनों कंधों को फर्श से छुआने की कोशिश करें।
- आपके कंधों का खिंचाव शोल्डर ब्लेड से पूरी पीठ में महसूस होना चाहिए।
- इसी स्थिति में 30 सेकेंड से लेकर कुछ मिनट तक बने रहें।
- धीरे-धीरे फ्रंट टोरसो को खींचते हुए सांस लें।
- पेल्विस को नीचे झुकाते हुए टेल बोन को उठाएं और सामान्य हो जाएं।
बालासन योग के फायदे
- ये सीने, कमर और कंधों की टेंशन को दूर करने में मदद करता है।
- बालासन काम से होने वाली या वर्कआउट की थकान को दूर करता है।
- ये आसन स्ट्रेस और एंग्जाइटी को दूर करने में भी मदद करता है।
- बालासन पेट के भीतर के अंगों को भी मसाज देता है।
- इस आसन के अभ्यास से पेट के भीतरी अंग अच्छे से काम करते हैं।
- ये आसन स्पाइन को अच्छा स्ट्रेच और खिंचाव देता है।
- बालासन से लोअर बैक और गर्दन के दर्द को दूर करने में मदद मिलती है।
- ये आसन टखनों, हिप्स और जांघों को स्ट्रेच करने में मदद करता है।
- इस आसन से पूरे शरीर में रक्त संचार बढ़ता है।
योग के लाभ
योग का अभ्यास करने की कला किसी के मन, शरीर और आत्मा को नियंत्रित करने में मदद करती है। यह शारीरिक और मानसिक को संतुलित करता है और एक शांतिपूर्ण शरीर और मन प्रदान करता है। तनाव और चिंता को प्रबंधित करें और आपको राहत दें। यह शरीर के लचीलेपन, मांसपेशियों को मजबूत करने और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ाने में भी मदद करता है। यह श्वसन, ऊर्जा और जीवन शक्ति में सुधार करता है। योग का अभ्यास ऐसा लगता है जैसे यह शरीर को खींचने या फैलाने तक सीमित है, लेकिन यह आपके शरीर को आपके द्वारा देखे, महसूस करने और करने की क्षमता से अधिक करने में सक्षम बनाता है।आपको रोज़ योग का अभ्यास करना चाहिए |
Post a Comment