Garhwali bhasha divas 2021
दोस्तों आप सभी को Garhwali bhasha divas 2021 की बहुत बहुत शुभकामनाएं , आप सभी इस पोस्ट को आज के दिन ज्यादा से ज्यादा शेयर करे अपने सोशल मीडिया और और अपने व्हाट्सप्प पर.
दोस्तों आपको बता दें की उत्तराखंड में प्रतिवर्ष 02 सितंबर के दिन गढ़वाली भाषा दिवस मनाया जाता है। यह दिन गढ़वाली भाषा को सम्मान दिलाने के लिए और 02 सिंतबर 1994 को मसूरी गोलीकांड में शहीद हुए आंदोलनकारियों के सम्मान में मनाया जाता है.
इस दिन को मनाने की पहल पर्वतीय राज्य मंच द्वारा 2018 में की गई थी तबसे प्रतिवर्ष 02 सिंतबर के दिन गढ़वाली भाषा दिवस मनाया जाता है.
दोस्तों जैसे की आप सभी को पता है आज 2021 आते आते अब सब लोग उत्तराखंड की गढ़वाली भाषा को भूलते जा रहें है मेरी आप सभी से निवेदन करता हूँ.आने वाली पीढ़ी को पूरा अंग्रेज ना बना दें.
अपनी बोली भाषा भी जरूर सिखाएं , घर में गढ़वाली भाषा का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा करें , सुन सुन कर ही आपके बच्चे गढ़वाली भाषा को सीख जाएँगे.
उत्तराखंड से जुड़े रहे , आते जाते रहे , पालयन आपकी और हमारी मज़बूरी थी पर अपनी देव भूमि उत्तराखंड को नहीं भूलना चाहिए , हमें अपनी भाषा पर गर्व होना चाहिए और रवि पालीवाल व्लॉगस को बहुत गर्व है वह उत्तराखंड से है आज भी दिल से अपनी बोली भाषा से जुड़ा है आप सभी से भी मेरा यही अनुरोध है की आप भी सदा अपनी जन्म भूमि से जुड़े रहें.
*कृपया इन शब्दों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।*
नीचे आप सभी की लिए कुछ गढ़वाली भाषा की शब्दावली दी आप जरूर पूरा पढ़े और शेयर करें.
*गढ़वाली crash course dictionary | Garhwali bhasha divas 2021*
*Excuse me - इनै सुणो*
*what- क्या च*
*why- किले*
*really - सच माँ*
*oh no- न रे ना*
*whats up- क्या हूणु च*
*done - ह्वे गे*
*not done - नि ह्वे*
*Let him go - जान द्यो वैथे*
*i dont know- मिथै नि पता*
*hurry - जल्दी / सरपट*
*Smooth - चिफुलू*
*Lady - कज्याण*
*man - आदिम*
*Father- बुब्बा जी*
*mother - ब्वे*
*Resolved - ह्वेगे*
*Sleeping- सीणु छौं*
*run away - दौड़ी कि जा*
*stay here - यखी रै*
*now - अब्बी*
*not now- अब्बी ना*
*never- कब्बी ना*
*Wife - ब्वारी*
*Boy- छ्वारा*
*Girl- छोरि*
*hey dude- हा रे लाटा*
*hey girl- हां रै लाटी /खड्योणी*
*Come here- इनै आ*
*Go There- फुण्ड जा*
*Same to same- जन्यकि तन्नी*
*Sunlight - तड़तुड़ घाम*
*very- भौत/बन्डया*
*less - ज़र्रा*
*basket- कंडू / डलुणु/ छटणा*
*gate- दरजू/मोर-सगांड़*
*Head -मुंड*
*Face -मुक*
*cheek -गल्वड़ी*
*Finger - अंगुला*
*rat- मूसु*
*Confused- लाटु,*
*गढ़वाली कोचिंग क्लास | Garhwali bhasha divas 2021
*नमक को हम लोण कहते हैं ।*
*जंगल को हम बण कहते हैं।*
*पहाड़ को हम ढैया कहते हैं ।*
*खेत को हम पुंगड़ा/डोखरा कहते हैं ।*
*और सीधे रास्ते को सैंण कहते हैं ।*
*सिर दर्द को हम मुंडरू कहते हैं ।*
*गिरने को हम फरकेगे/लमडन कहते हैं ।*
*चालाक को हम चकड़ेत बोलते हैं ।*
*और सीधे को लाटा बोलते हैं ।*
*तेज लड़कों को हम चंट बोलते हैं ।*
*मोटे को ढंट बोलते हैं ।*
*पैजामे को हम सुलार कहते हैं*
*फीवर को हम जैर-बुखार कहते हैं*
*पहाड़ की चोटी को यहां डाण्डा कहते हैं ।*
*बर्तनों को भाण्डा कहते हैं।*
*छोटे बच्चों को नौना कहते हैं*
*बुजुर्गों को दाना कहते हैं।।*
*साथक को दगड़्या कहते हैं ।*
*लड़ने को झगड़ा कहते हैं।*
*मोटे को तगड़ा कहते हैं ।*
*खरोंच को रगड़ा कहते हैं।।*
*छोटे भाई को यहा भुल्ला कहते हैं ।*
*किचन को यहा चुल्ला कहते है।*
*ब्रिज को यहा पुल कहते है ।*
*नहर को यहा कूल कहते है।।*
*पत्नी को यहाँ जनानि कहते है*
*जी मचले तो स्याणी कहते हैं*
*बियाई भैंस को लैन्दी कहते हैं ।*
*सब कुछ है पर छैन्दी निछैन्दी कहते है ।*
*आदमी को यहाँ मैस कहते हैं ।*
*बुफैलो को यहाँ भैंस कहते है।*
*जीजा को यहा भीना कहते हैं।*
*सोने को यहाँ सीणा कहते है।*
*फाटा लगाने को जोल कहते हैं*
*गोबर को यहाँ मोल कहते हैं ।*
*चावल को यहाँ भात कहते हैं ।*
*शादी को व्यौ कहते हैं। और*
*चौड़े वर्तन को परात कहते हैं ।*
*पित्र तर्पण को शराद कहते है ।*
*कृपया प्रवासी अपने पहाड़ी बच्चों को अपनी पहाड़ी जरूर सिखाऐं l*
Osm
ReplyDeletethank you for the comment
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